यकीन करें
आते ही 'तेजी'
जुट जाऊंगा
फिर से
समाज को
सिंचित करने
पूंजी से।
आते ही 'तेजी'
जुट जाऊंगा
फिर से
समाज को
सिंचित करने
पूंजी से।
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अभी तो
वक़्त है
बहाने का
अविरल धारा
बुद्धि की।
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वक़्त है
बहाने का
अविरल धारा
बुद्धि की।
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छा गयी है
जो ये 'मंदी'
बन गया हूँ मैं।
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जो ये 'मंदी'
बन गया हूँ मैं।
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फिर, 'समाजवादी'!
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