इससे पहिले कि,
उतरे नेताओ की आंखों का पानी,
उतर गया जमुना का पानी!
अब राहत में राजधानी।
खतरे के निशान से ऊपर है लेकिन,
अभी भी तथाकथित 'संजय उवाच ',
मीडिया की ' लोक' वाणी।
मौसम पसीना पसीना,
जनता पानी - पानी!
छोड़ो जमुने! चिंता विंता,
उतरने का इस पानी का।
मत ताजो तुम अपना पानी।
चढ़ी रहो, हे तरनी तनुजा कालिंदी!
यम की बहन, काल यामिनी!
वरना, छोड़ेंगे नहीं ये नर पुंगव!
तुम्हे भी, घुमाएंगे नग्न,
तुम्हारी ही तलहटी में!
करने को शर्मसार उस,
अमृत सैकत राशि को।
थिरकते पैरों के निशान हैं,
जिस पर तुम्हारे कान्हा के।
जिन वादियों में गूंजते थे,
मुरली की तान पर,
गीत गोविंद जयदेव के।
"तैर रही अब फिजा में, हाहाकार!
तीन देवियों की निर्वस्त्र चित्कार।"
ढूंढते रह जाएंगे, अधिमास में, सावन के!
स्वयं कालकुट, मणिकर्णिका! अपनी पार्वती के।
उफनो, उफनो हे बहन! काल की! और सुनो!
कहना कान्हा को कि,
काटे नहीं कलीय के मस्तक।
मन भर डसे उन दुष्टों को उरग,
पोंछा कलौंछ जिन हैवानों ने,
दीप्त श्रीपुर के कंचन महल में,
किया अपवित्र तुम्हारी मणि को!
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 24 जुलाई 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDeleteजी, बहुत आभार।
Deleteवाह :)
ReplyDeleteजी,बहुत आभार।
Deleteविश्वास के मंदिर जीर्ण हुए,तर्क विवेक सब क्षीण हुए
ReplyDeleteविस्तार पयोनिधि हृदय रत्न,संकुल,शंकित, संकीर्ण हुए
तरु कुटुंब का ढह बिखरा,छिन्न-भिन्न सब नीड़ हुए
अंध आस्था परखी तो,सब एक-एक उतीर्ण हुए.......
बहुत आभार आपकी इस काव्यात्मक टिप्पणी का🙏
Deleteमौसम पसीना पसीना,
ReplyDeleteजनता पानी - पानी!
यमुना की गरिमा और ऐतिहासकिता बखान करती सुंदर रचना!
वाक़ई इस बार मौसम की मार कई राज्यों को बाढ़ और कभी सूखे के रूप में देखनी पड़ रही है,
जी, बहुत आभार।
Deleteदेखिए कालिंदी अति कारी
ReplyDeleteनेताओं की छाया पड़ गयी, हुई कलंकित बेचारी ---
जी, बहुत आभार।
Deleteजिन वादियों में गूंजते थे,
ReplyDeleteमुरली की तान पर,
गीत गोविंद जयदेव के।
"तैर रही अब फिजा में, हाहाकार!
तीन देवियों की निर्वस्त्र चित्कार।"
मानवता त्राहि त्राहि है
आज भी निर्वस्त्र द्रोपदी बेचारी है
मानवता दिन ब दिन समाप्त होती जा रही है अंतर्मन को छननी कर गई है ये धटना जिस पर गुजरी होगी उसने कैसे सहा होगा सोचकर भी रुह कांप जा रही है।
मर्मस्पर्शी रचना,सादर नमस्कार आपको🙏
जी, बहुत आभार।
Deleteवाह.सुंदर रचना
ReplyDeleteजी, बहुत आभार।
DeleteYour Blog has been Added at Sodhini - Hindi Blog Aggregator & Directory. India's Largest Blog Directory with 20,000+ blogs in 6 Languages
ReplyDeleteअत्यंत आभार।
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteजी, बहुत आभार।
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