Tuesday, 18 July 2023

पानी - पानी (लघुकथा)



नेताओं की आंखों के पानी से पहले जमुना का पानी उतरा। राजधानी को राहत। मीडिया अभी भी खतरे के निशान से ऊपर। जनता पानी - पानी!

 

6 comments:

  1. सूखे को बाढ़ साबित करने के लिए गड्डे में खड़े होकर रिपोर्टिंग करने की क्षमता केवल हमारे सनसनी के भूखे मीडिया में ही है।वो भूल जाते हैं कि उनके ऊपर भी जनता- जनार्दन नाम का सुपर मीडिया है जो कि उनकी हर खबर की खबर रखता है।लघु कथा नही एक तीखा व्यंग बाण जो सही निशाने पर लगा है।🙏

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  2. आपकी यह पोस्ट तो सतसइया के दोहरों सरीखी है आदरणीय विश्वमोहन जी - ज्यों नावक के तीर; देखन में छोटे लगें, घाव करें गम्भीर।

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  3. तीखा व्यंग

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