Monday, 12 June 2023

बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ!

 हर भी हारे, हरि भी हारे,

 भारत माता को कौन तारे!

हे शिव, अब तू खोल जटा रे,

चंदा मामा आ रे आ रे!


क्रूर कपट के कोलाहल में,

हर की पौड़ी मौन पड़ी है।

लाज शरम से भागीरथी भी,

गहवर के पाताल गड़ी है।


सत्ता के इस न्याय महल में,

खर्राटें हैं खरदूषण के।

उसको ढांपे और दबोचे,

मल्ल कला ये बज्र भूषण के।


ई डी देखो भई फिसड्डी,

वृज रास  इस रंगमहल में।

सी बी आई अब  भरमाई

कानून  के कोलाहल में।


ठूंठ बाड़ इस तंतर में अब,

जंतर मंतर पर ये गाओ।

सीखो पहले धोबिया पाठ,फिर!

बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ।



18 comments:

  1. सीखो पहले धोबिया पाठ

    मस्त रंजक रचना

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  2. बहुत अच्छी प्रस्तुति

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  3. ई डी देखो भई फिसड्डी,
    वृज रास इस रंगमहल में।
    सी बी आई अब भरमाई
    कानून के कोलाहल में।

    सोचनीय

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  4. बहुत बहुत सुंदर रचना

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  5. वाह मित्र ! अब तुम अपनी ओजस्वी कविताओं के माध्यम से समाज को ही नहीं, बल्कि सरकार को भी उसकी गहरी नींद से जगाने लगे हो.
    मैं तो कहूँगा - 'यूँ ही लगे रहो विश्वमोहन भाई !'

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  6. मुझे लगता है कि हरिभूमि हरियाणा की पीडित मल्ल कन्याओं के बहाने , बेटियों को बाहर सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ने के लिए किन-किन अलां- फलां भूषणों से निपटना पड़ता है ,उसकी पोल तो भली-भांति खुल चुकी। कथित गुनाहगार को छुपाने के लिए प्रयास में आकाओं के हाथ-पाँव ज्यादा ही फूले हैं । नामी गिरामी जाँच एजेंसियां ई डी,सी बी आई इत्यादि तो कब से मुँह देखकर तिलक लगा कर अपना कर्तव्य निर्वहन पर रही हैं।इस प्रकरण ने माता- पिता की चिंताएँ कितनी बढ़ा दी ये बेटियों के लिये किताबी नारे गढ़ने वालों को क्या पता?? बड़ी तहज़ीब से व्यंग बाण मारा है आदरनीय कविवर!भीतर बेचैनी पैदा करती सशक्त रचना।🙏🙏

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  7. बहुत बहुत सुंदर रचना

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  8. ठूंठ बाड़ इस तंतर में अब,
    जंतर मंतर पर ये गाओ।
    सीखो पहले धोबिया पाठ,फिर!
    बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ।
    .. न्याय व्यवस्था का पोल खोलती। बहुत जरूरी सामयिक कविता।

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  9. सत्ता के इस न्याय महल में,
    खर्राटें हैं खरदूषण के।
    उसको ढांपे और दबोचे,
    मल्ल कला ये बज्र भूषण के।
    सत्ता के रंगमहलों का तो कहना ही क्या...
    सी बी आई अब भरमाई
    कानून के कोलाहल में।
    कोशिशें तो समझने वालों को भरमाने की हैं...
    शब्दों की अद्भुत जादूगरी
    लाजवाब ।

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    1. जी, बहुत आभार आपके सुंदर शब्दों का।🙏🙏🌹🌹

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