Tuesday 23 October 2018

पंथ पंथ मौसेरे भाई!


लोकतंत्र की लाज के लोभी
करते चुकता पाई पाई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

थाम कमंडल जय जय मंडल
द्वैत ने ली अद्वैत अंगड़ाई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

जब अदालत मेहर मांगे
‘ नेक ‘ पंथ ने टांग अड़ाई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

लिए तेल मालिश को निकले
‘ नेकुआ ‘  की ‘ नेकी ‘ शरमाई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

बात बात में पुरस्कार के
पत्र लौटा राशि को खाई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

‘ फेंक ‘ पंथ ने लिया तलाक
तो ‘ नेक ‘ पंथ की शामत आयी
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

‘ फेंकुजी ‘ के नोट में बंदी
‘ नेकुजी ‘ की काली कमाई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।
फिर ‘ नेक ‘ ने फेंकी   ‘ फेंक ‘ पर
फिरकापरस्ती की फितुराई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

अर्थशास्त्र की अर्थी लेकर
‘ फेंकू ‘  ने फूंकी शहनाई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

‘ फेंकू ‘ ताने तम्बू ‘ लला ‘ पर
जब भी चुनाव की बारी आई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

‘ फेंकू ‘ बोले पाकिस्तान जाओ
जब भी उस पर शामत आई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

और ‘ नेकू ‘ पाकिस्तान से रोए
‘ फेंकू ‘ की कोई करो दवाई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

‘ पूरब की पहली लाल किरण ‘ में
चमके दमके ‘ नेकू ‘ भाई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

छह इंच छोटा करने वाले
‘  नेकू ‘  के हैं नक्सल भाई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

मंदिर के अंदर नारी जाए
न्याय की देवी फिर फरमाई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

तामील करने को फरमान
‘ नेक ‘  हुकूमत पीठ दिखाई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

कलकत्ता केरल कैरोला
कूटनीति की  कुटिलाई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

मुंह को सी लो, कुछ न बोलो
चाहे ‘ मा ओ ‘, चाहे ‘ भाई ‘
पंथ पंथ मौसेरे भाई।

और जनता की बात न पूछो
दोनों की बस एक लुगाई!
‘ फेक - नेक ‘  मौसेरे भाई।

नींद टूटी तो गायब गांधी
कर छोड़ गए थे ये कविताई
पंथ पंथ मौसेरे भाई।




No comments:

Post a Comment