tag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post6493199959443076517..comments2024-03-07T20:49:24.150+05:30Comments on गलथेथरई: बकरबग्घाविश्वमोहनhttp://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-66082034433807703292019-12-06T16:59:16.407+05:302019-12-06T16:59:16.407+05:30जी, बहुत आभार आपका।जी, बहुत आभार आपका।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-91538079208267779052019-12-04T01:42:33.568+05:302019-12-04T01:42:33.568+05:30शानदार लेख 👌👌👌 जानवरों के माध्यम से मनुष्य में ...शानदार लेख 👌👌👌 जानवरों के माध्यम से मनुष्य में छिपे पशु स्वभाव का सटीक चित्रण....नमन आपकी लेखनी को 🙏🙏🙏NITU THAKURhttps://www.blogger.com/profile/03875135533246998827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-13830339539359803612019-11-27T11:34:13.816+05:302019-11-27T11:34:13.816+05:30बहुत सुंदर और सार्थक लेख लिखा आपने 👌👌बहुत सुंदर और सार्थक लेख लिखा आपने 👌👌Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-12603957006178423122019-11-26T20:15:25.110+05:302019-11-26T20:15:25.110+05:30जी, बहुत आभार आपका।जी, बहुत आभार आपका।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-3863907254362301422019-11-26T18:43:39.141+05:302019-11-26T18:43:39.141+05:30हा हा लाजवाब।हा हा लाजवाब।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-24940111019446262392019-11-26T18:07:39.186+05:302019-11-26T18:07:39.186+05:30जी, बहुत-बहुत आभार आपका।जी, बहुत-बहुत आभार आपका।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-87537037244266635392019-11-26T17:45:29.139+05:302019-11-26T17:45:29.139+05:30जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना 27 नवंबर 2019 के लिए साझ...<br />जी नमस्ते,<br />आपकी लिखी रचना 27 नवंबर 2019 के लिए साझा की गयी है<br /><a href="http://halchalwith5links.blogspot.in/" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद</a> पर...<br />आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।Pammi singh'tripti'https://www.blogger.com/profile/13403306011065831642noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-70440202534604021742019-11-26T10:27:27.838+05:302019-11-26T10:27:27.838+05:30बहुत-बहुत आभार आपके इस प्रभातकालींन आशीर्वाद का।बहुत-बहुत आभार आपके इस प्रभातकालींन आशीर्वाद का।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-15258831590461774012019-11-26T07:30:38.870+05:302019-11-26T07:30:38.870+05:30वाह वाह क्या गज़ब का लेखन..सर्वप्रथम तो बकरबग्घा शी...वाह वाह क्या गज़ब का लेखन..सर्वप्रथम तो बकरबग्घा शीर्षक नाम ही रोचक और ध्यान आकृष्ट करने वाला है।<br />बकरबग्घा का अर्थ काम से ज्यादा बड़बोलेपन में रहनै वाला।<br />कहानी के अंदाज़ में लिखा गया राजनीतिक इतिहास सच में सराहनीय है। सत्ता की सियासत में बस नाम बदल जाते हैं<br />उनके अंंदर का जानवर एकसमान ही रहता है। इन जानवरों के नेतृत्व में जंगलराज ही चलाया जा सकता है क्योंकि प्रजा को हर बार ही छल का शिकार होना है।<br />कसी हुई पटकथा पात्र संयोजन.. बहुत सुंदर लेखन।<br />बधाई आपको।<br /><br /> Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-14385687896580639062019-11-26T06:03:34.935+05:302019-11-26T06:03:34.935+05:30जी, बहुत आभार आपके प्रातर आशीर्वचनों के।जी, बहुत आभार आपके प्रातर आशीर्वचनों के।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-34219190513509977522019-11-26T06:03:23.582+05:302019-11-26T06:03:23.582+05:30जी, बहुत आभार आपके प्रातर आशीर्वचनों के।जी, बहुत आभार आपके प्रातर आशीर्वचनों के।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-72431644393316701542019-11-26T05:28:55.885+05:302019-11-26T05:28:55.885+05:30आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में&...<i><b> आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 26 नवम्बर 2019 को साझा की गई है......<a href="https://mannkepaankhi.blogspot.com/" rel="nofollow"> "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-46288543821062246852019-11-26T00:13:01.653+05:302019-11-26T00:13:01.653+05:30वाह!! सार्थक दमदार व्यंग लेख, समसामयिक विषय पर!!...वाह!! सार्थक दमदार व्यंग लेख, समसामयिक विषय पर!! 🙏🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/06997620258324629635noreply@blogger.com