tag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post2888247041955273698..comments2024-03-07T20:49:24.150+05:30Comments on गलथेथरई: सब धान बाइस पसेरी विश्वमोहनhttp://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-42710282500850844532021-12-31T16:47:50.795+05:302021-12-31T16:47:50.795+05:30आभार!!आभार!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-71270940563116184172021-05-02T22:14:46.807+05:302021-05-02T22:14:46.807+05:30जी, आपके आशीर्वचनों का आभार।जी, आपके आशीर्वचनों का आभार।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-32079953050796334202021-05-02T18:13:48.598+05:302021-05-02T18:13:48.598+05:30सब धान बाईस पसेरी साथ ही बड़ा ही स्वाभिमानी..बिन बु...सब धान बाईस पसेरी साथ ही बड़ा ही स्वाभिमानी..बिन बुलाए मजाल है कहीं पहुँच जाये<br />और जो बुलाए तो साम्यवादी भाव..।<br />लेकिन कुछ तो है <br /><br />जो ख़ास है तुममें! <br />माना म्लेछों ने भेजा तुम्हें <br />हिमालय के पार से।<br />पहले से कम थे क्या,<br />उनके चट्टे- बट्टे यहाँ!<br />फिर भी तुम तो <br />कुछ इंसान-से निकल गए।<br />बहुत ही लाजवाब विश्लेषणात्मक सृजन<br />वाह!!!<br />Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-9165189918036663372021-04-30T22:58:02.701+05:302021-04-30T22:58:02.701+05:30जी, बहुत आभार आपके सुंदर वचनों का!!!जी, बहुत आभार आपके सुंदर वचनों का!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-15672813986645301132021-04-30T22:56:33.133+05:302021-04-30T22:56:33.133+05:30जी, सत्य वचन। अत्यंत आभार।जी, सत्य वचन। अत्यंत आभार।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-67158555131897248632021-04-30T17:35:33.893+05:302021-04-30T17:35:33.893+05:30हृदय तक उतरता सृजन ।
सटीक तीक्ष्ण दृष्टि।
तंज और ...हृदय तक उतरता सृजन ।<br />सटीक तीक्ष्ण दृष्टि।<br /><br />तंज और व्यंग्य का अद्भुत मिश्रण सामायिक परिपेक्ष्य में सार्थक सृजन।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-31395786537609924532021-04-30T15:39:45.965+05:302021-04-30T15:39:45.965+05:30सब धान बाइस पसेरी हो रहा । कोरोना में इंसान के लक्...सब धान बाइस पसेरी हो रहा । कोरोना में इंसान के लक्षण नहीं हैं। अभी तो इंसान में कोरोना के लक्षण ढूंढने में लगे रहते। जिस दिन कोरोना में इंसान के लक्षण दिखेंगे उस दिन वो अपनी मौत अपने आप मर जायेगा । <br />झकझोर देने वाली रचना ।संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-65243982782826660982021-04-30T14:08:47.940+05:302021-04-30T14:08:47.940+05:30जी, अत्यंत आभार आपकी सुंदर समीक्षा का!!!जी, अत्यंत आभार आपकी सुंदर समीक्षा का!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-69973896244730916102021-04-29T23:28:18.191+05:302021-04-29T23:28:18.191+05:30कोरोना से सीधा संवाद और उसका सटीक विश्लेषण, रचना क...कोरोना से सीधा संवाद और उसका सटीक विश्लेषण, रचना के प्राण हैं आदरणीय विश्वमोहन जी! कथित साम्यवादियों की देन ये रोग, पूरे जोर -शोर से, सच में ही धर्म , जाति,ऊँच -नीच का भेदभाव किये बिना ही, गली -गली, घर घर में अपनी पहुँच बना साम्यवादी शैली में ही लोगों को लील रहा है! इस वायरस का स्वाभाविक ईमान और गुण- धर्म भी कवि दृष्टि से बच ना सका !इसी लिए कहते हैं, जहाँ ना पहुँचे रवि- वहाँ पहुँच कवि! लाजवाब चिंतन कोरोना के बहाने से ! सादर🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-17226881042180896842021-04-29T22:21:24.472+05:302021-04-29T22:21:24.472+05:30जी, बहुत आभार आपके सुंदर शब्दों के!!!जी, बहुत आभार आपके सुंदर शब्दों के!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-14019263080083321982021-04-29T21:27:39.666+05:302021-04-29T21:27:39.666+05:30शुक्र है आपने वर्तमान में चल रही मार-काट व लूट-खसो...शुक्र है आपने वर्तमान में चल रही मार-काट व लूट-खसोट पर सवाल तो दागा, वर्ना अधिकतर लोग तो हिम्मत ही नहीं दिखाते।<br />वे या तो तारीफ़ों के हवाइ पुल बांधते रहते हैं या फ़िर ऑस्ट्रिच-सा अपना सर रेत में घुसा देते हैं कि जैसे कुछ देखा ही नहीं, कुछ सुना ही नहींSheelvrat Mishrahttps://www.blogger.com/profile/16568830353634849805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-43241075052310186902021-04-29T12:38:17.050+05:302021-04-29T12:38:17.050+05:30जी, बहुत आभार आपका!!!जी, बहुत आभार आपका!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-3462077358793334222021-04-29T12:37:52.661+05:302021-04-29T12:37:52.661+05:30जी, बहुत आभार आपका!!!जी, बहुत आभार आपका!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-70640163142452942242021-04-29T12:21:24.148+05:302021-04-29T12:21:24.148+05:30आज की भयवाह स्थिति को दर्शाती रचना आज की भयवाह स्थिति को दर्शाती रचना Preeti Mishrahttps://www.blogger.com/profile/13642634669489250744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-31945899142755302202021-04-29T12:02:20.294+05:302021-04-29T12:02:20.294+05:30समय के शब्द नहीं
केवल
आंसू नजर आएंगे
जिनमें
बहुत...समय के शब्द नहीं<br />केवल<br />आंसू नजर आएंगे <br />जिनमें <br />बहुत शोर होगा<br />चीत्कार होगा<br />नहीं होंगे <br />बस<br />वे <br />जो उन आंसुओं का कारण हैं...।<br /><br />बहुत गहरी रचना...। समय उन्हें भी अवश्य देख रहा है जो इस दौर में उसके मन की सुन रहे हैं, महसूस कर रहे हैं। PRAKRITI DARSHANhttps://www.blogger.com/profile/10412459838166453272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-34756695960184079292021-04-29T11:10:21.859+05:302021-04-29T11:10:21.859+05:30जी, बहुत आभार आपका।जी, बहुत आभार आपका।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-44128105039718098122021-04-29T11:09:38.019+05:302021-04-29T11:09:38.019+05:30जी, बहुत आभार आपका।जी, बहुत आभार आपका।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-40972090397998698182021-04-29T11:09:16.224+05:302021-04-29T11:09:16.224+05:30जी, बहुत आभार आपका।!!!जी, बहुत आभार आपका।!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-84981641456199316542021-04-29T09:56:20.069+05:302021-04-29T09:56:20.069+05:30बहुत सटीक कहा आपने विश्वमोहन जी, निःशब्द हूं,आज के...बहुत सटीक कहा आपने विश्वमोहन जी, निःशब्द हूं,आज के परिदृश्य पर लिखी गई इस उत्कृष्ट रचना को पढ़कर,आपको सादर नमन ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-65291761923004488722021-04-29T08:32:00.447+05:302021-04-29T08:32:00.447+05:30आपकी ज़ुबां से अवाम की आवाज़ निकली है विश्वमोहन जी। ...आपकी ज़ुबां से अवाम की आवाज़ निकली है विश्वमोहन जी। फ़र्क़ इंसान करते हैं, बीमारी नहीं।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-7726844085747784032021-04-29T00:41:56.856+05:302021-04-29T00:41:56.856+05:30आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द&q...आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 3012...कहा होगा किसी ने ऐसा भी दौर आएगा... ) पर गुरुवार 29अप्रैल 2021 को साझा की गई है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद! <br /><br /> Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-57615503049171473852021-04-28T21:54:24.887+05:302021-04-28T21:54:24.887+05:30जी, बहुत आभार।जी, बहुत आभार।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-53895039945419162082021-04-28T21:50:39.050+05:302021-04-28T21:50:39.050+05:30आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 29 -04-2021 को चर्चा – 4...आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 29 -04-2021 को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow">चर्चा – 4,051 </a> में दिया गया है।<br />आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।<br />धन्यवाद सहित <br />दिलबागसिंह विर्कदिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-28122248861614412412021-04-28T20:07:05.640+05:302021-04-28T20:07:05.640+05:30जी, आभार।जी, आभार।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-38106587470974878.post-69352146466973715812021-04-28T19:56:11.716+05:302021-04-28T19:56:11.716+05:30सत्य एवं सटीक पंक्तियाँ आदरणीय सर। सादर प्रणाम 🙏सत्य एवं सटीक पंक्तियाँ आदरणीय सर। सादर प्रणाम 🙏Anchal Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13153099337060859598noreply@blogger.com